मत करो इसरार जी | Ishrar par kavita

मत करो इसरार जी ( Mat karo ishrar ji )   हर किसी को चाहिए, अधिकार ही अधिकार जी। कोई भी करता नहीं , कर्तव्यहित व्यवहार जी।। बिन दिए मिलता नहीं है, बात इतनी जान लो, प्यार गर पाना है तो, देना पड़ेगा प्यार जी।। दूसरो को दोगे इज्जत, होगी तब हासिल तुम्हें, कब भला … Continue reading मत करो इसरार जी | Ishrar par kavita