Ghazal | मातम में देखो हर ख़ुशी बन चुकी है

मातम में देखो हर ख़ुशी बन चुकी है! ( Matam Mein Dekho Har Khushi Ban Chuki Hai )     मातम में देखो हर ख़ुशी बन चुकी है! ग़मों से भरी जिंदगी बन चुकी है   लगा रोग ऐसा किसी की चाहत का जीने के लिए आशिक़ी बन चुकी है   रहा दूर तुझसे  नहीं … Continue reading Ghazal | मातम में देखो हर ख़ुशी बन चुकी है