![मातम में देखो हर ख़ुशी बन चुकी है! मातम में देखो हर ख़ुशी बन चुकी है!](https://thesahitya.com/wp-content/uploads/2021/04/Aalone-696x435.jpg)
मातम में देखो हर ख़ुशी बन चुकी है!
( Matam Mein Dekho Har Khushi Ban Chuki Hai )
मातम में देखो हर ख़ुशी बन चुकी है!
ग़मों से भरी जिंदगी बन चुकी है
लगा रोग ऐसा किसी की चाहत का
जीने के लिए आशिक़ी बन चुकी है
रहा दूर तुझसे नहीं अब यें जाता
आदत अब मुझे आपकी बन चुकी है
कहीं भी नहीं इंसाफ देखो रहा अब
ये दुनिया जालिम लाजिमी बन चुकी है
लूटा हूँ मैं ऐसा वफ़ा के बदले में
उदासी में ये अब हंसी बन चुकी है
सुलझ वो नहीं पाती है चाह के भी
मगर वो बातें अब बड़ी बन चुकी है