मौसम -ए -गुल | Mausam -E -Gul

मौसम -ए -गुल! ( Mausam -e -gul )   बारिश का मौसम बनने लगा है, कुदरत के हाथों सजने लगा है। मिलने चला है वो बादल समंदर, हवाओं के पर से उड़ने लगा है। होगी जब बारिश तपिस भी घटेगी, किसानों का चेहरा खिलने लगा है। बोलेंगे दादुर, बोलेंगे झींगुर, अगड़ाई मौसम लेने लगा है। … Continue reading मौसम -ए -गुल | Mausam -E -Gul