Ghazal Mausam Khijaan Ka | मौसम खिजां का सीने में ग़म की बहार है
मौसम खिजां का सीने में ग़म की बहार है ( Mausam Khijaan Ka Sine Mein Gam Ki Bahar Hai ) मौसम ख़िजा का सीने में ग़म की बहार है। उजङा चमन ये गुल बिना कांटे हजार है।। कैसे करें विश्वास फिर दुनिया-जहां का हम। साथी कोई जग में नहीं दुश्मन अपार है।। … Continue reading Ghazal Mausam Khijaan Ka | मौसम खिजां का सीने में ग़म की बहार है
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