मजदूर है मजबूर | Mazdoor par Kavita

मजदूर है मजबूर ( Mazdoor hai majboor )   जो मज़दूर था वह आज मजबूर हो गया, न रहा कोई काम वह बेरोजगार हो गया। निर्भर था पूरा परिवार उसकी दिहाड़ी से, रोज़गार उसके हाथ से सारा दूर हो गया।।   इस महामारी को लेकर आया था अमीर, आज इस मज़दूर को बेचना पड़ा ज़मीर। … Continue reading मजदूर है मजबूर | Mazdoor par Kavita