महफ़िल-ए-इश्क | Mehfil -E- Ishq

महफ़िल -ए- इश्क ( Mehfil-e-Ishq )   महफिले इश्क में इसरार की मोहलत नहीं होती। जहां में यार से बढ़कर कोई दौलत नहीं होती।। वफ़ा के आब से ही जिंदगी में चैन मिलता है, अना के शजर पे ताउम्र की चाहत नहीं होती।। मरीजे इश्क मर भी जाय तो मतलब कहां उनको, ज़माने की अदाओं … Continue reading महफ़िल-ए-इश्क | Mehfil -E- Ishq