मेरा स्वाभिमान है यह | Mera swabhiman | Kavita

मेरा स्वाभिमान है यह ( Mera swabhiman hai yah )   मैं गिरकर उठने का हुनर अब जान गई हूं किंलिष्ट प्रकृति का आवरण पहचान गई हूं तीन लोको की करती हुई आज अगुवाई जीवन -मृत्यु का मैं ही निरन्तर सेतु बनी   जिंदगी बढ़ाती हूँ मुकाम के अन्वेष पर संभालें रखती हूँ सृष्टि के … Continue reading मेरा स्वाभिमान है यह | Mera swabhiman | Kavita