मेरे साथ साथ ( Mere Sath Sath ) पहाड़ बन के मेरे साथ साथ चलता रहा वो एक टुकड़ा था बादल को जो बदलता रहा लिपट गई तो कलेजे को पड़ गई ठंडक और इतनी ठंड की फिर रोम रोम जलता रहा जो लोग पहले ग़लत कर चुके दुआ उनको उन्हीं को देख के हर … Continue reading मेरे साथ साथ | Mere Sath Sath
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