मेरी इच्छाओं की राख | Meri Ichchaon ki Raakh

मेरी इच्छाओं की राख ( Meri ichchaon ki raakh )    मैं जिंदगी चाहती थी जीना जिंदगी की तरह जिंदगी जीने के तराशे कई रास्ते लेकिन सभी बंद थे मेरे लिये सिवाय एक रास्ते के जो जाता था उस देश को जहाँ उड़ान भरती थी मेरी इच्छाओं की राख और उसकी आंधियाँ वहाँ सारा दिन … Continue reading मेरी इच्छाओं की राख | Meri Ichchaon ki Raakh