मेरी पूर्णता ( Meri purnata ) यथार्थ के धरातल पर ही रहना पसंद है मुझे जो जमीन मेरी और मेरे लिए है उससे अलग की चाहत नहीं रखता क्यों रहूँ उस भीड़ के संग जहां सब कुछ होते हुए भी और भी पा लेने की भूख से सभी त्रस्त हों वहां कोई संतुष्ट हो … Continue reading मेरी पूर्णता | Meri Purnata
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