मोहन तिवारी की कविताएं | Mohan Tiwari Poetry

लाज़िमी आते हैं मोड़ कई मुकाम आने तकजो दे जाते हैं सीख नई जिंदगी कीखार तो चुभते हि हैं पैरों के बीचकुछ मे होती है महक भी गुलाब की स्वभाविक है गिरना लड़खड़ानातब भी जरूरी है संभल जानाबेशकीमती होते हैं रिश्ते करीब केजरूरी है बचाने में कहीं झुक जाना मुमकिन नहीं कि हर किसी कीसमझ … Continue reading मोहन तिवारी की कविताएं | Mohan Tiwari Poetry