मोहन तिवारी की कविताएं | Mohan Tiwari Poetry
नवीनता रुको तो रुको, झुको तो झुकोउहापोह की परिस्थिति मे कभीरहती नहीं ठीक आपकी स्थिती।होकर भी होती नहीं उपस्थिति नम्रता में भी विनम्रता होशुभ्रता में भी धवलता होभाव में भी निर्मलता होव्यवहार में भी कुशलता हो एकता में भी आतमिक्ता होलगाव की मानसिकता होअपनेपन की मिठास होएक दूजे पर विश्वास हो दूर रहकर भी पास … Continue reading मोहन तिवारी की कविताएं | Mohan Tiwari Poetry
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