मृत्यु | Mrtyu par Bhojpuri Kavita

मृत्यु ( Mrtyu )  हम अकेले ब‌इठ के कुछ सोचत रहनी गाल पे रख हाथ कुछ देखत रहनी तलेक कान में कहीं से घंटी के आवाज ग‌इल निंद टुटल, होश उड़ल अउर दरद भ‌इल एगो सवारी लेट, चपाटी पे चलल आगी, माला,फूल,पानी सब संघे बढल कवन देश-दुनिया अउर राह में चलल सब छोड-छाड राज सिंहासन … Continue reading मृत्यु | Mrtyu par Bhojpuri Kavita