Muhabbat Shayari || मुहब्बत हम्ज़ है हम से जारी रहेगी

मुहब्बत हम्ज़ है हम से जारी रहेगी ( Muhabbat Hamaz Hai Ham Se Jari Rahegi )     तेरी तरफ से भले ही इन्कारी रहेगी मुहब्बत हम्ज़ है हम से जारी रहेगी   कितने भी दिल-ए-ज़ार क्यों ना हो दिल ही है तो ज़रूर दिलदारी रहेगी   मैदान-ए-इश्क़ में हार ही तो है हक़ सो … Continue reading Muhabbat Shayari || मुहब्बत हम्ज़ है हम से जारी रहेगी