मुहब्बत का दिलों में गुल खिला दें | Ghazal

मुहब्बत का दिलों में गुल खिला दें ( Muhabbat ka dilon mein gul khila de )     मुहब्बत का दिलों में गुल खिला दें  हवा  ऐसी  यहां  सबको  ख़ुदा  दें   गरीबों  पे  सितम  हो  जो  रहा  है ख़ुदा उन दुश्मनों का  सर झुका दें   उतरे तन से नफ़रत की धूल सबके उल्फ़त … Continue reading मुहब्बत का दिलों में गुल खिला दें | Ghazal