मुहब्बत की मुहब्बत से सदा | Muhabbat wali shayari

मुहब्बत की मुहब्बत से सदा ( Muhabbat ki muhabbat se sada )     दिल-ए-मुज़्तर की हया हो जैसे लफ्ज़-ए-नस्र की अदा हो जैसे   जिस तरह से उसको याद करता हूँ लगता है मुहब्बत की मुहब्बत से सदा हो जैसे   खुदा से ही ये इल्तेजा हो जैसे एक नासीर कहाँ जाए अश्क-ए-नदामत लिए … Continue reading मुहब्बत की मुहब्बत से सदा | Muhabbat wali shayari