मुहब्बत में इशारे बोलते हैं | Muhabbat mein

 मुहब्बत में इशारे बोलते हैं ( Muhabbat mein ishare bolte hain )   फ़लक से चाँद तारे बोलते हैं मुहब्बत में इशारे बोलते हैं तुम्हीं ने रौनक़े बख़्शी हैं इनको यहाँ के सब नज़ारे बोलते हैं बहुत गहरा है उल्फ़त का समुंदर मुसाफिर से किनारे बोलते हैं बहुत मुश्किल सफ़र है ज़िन्दगी का थके हारे … Continue reading मुहब्बत में इशारे बोलते हैं | Muhabbat mein