मूल्य | Muly

मूल्य ( Muly )    रात हो अंधेरी सागर हो गहरा भटकी हुई नैया का दूर हो किनारा साहिल मे तब भी बाकी हो हिम्मत अगर तो हवा भी बन जाती है उसका सहारा हौसले से किनारा कभी दूर नहीं होता ठान ही लिया हो जिसने वह मजबूर नहीं होता धाराओं का तो काम ही … Continue reading मूल्य | Muly