मुर्दे की अभिलाषा | Kavita Murde ki Abhilasha

मुर्दे की अभिलाषा ( Murde Ki Abhilasha )   लगी ढ़ेर है लाशों की टूट चुकी उन सांसों की लगी है लंबी कतार, बारी अपनी कब आएगी? कब खत्म होगा इंतजार? जीवन भर तो लगे ही लाईन में, अब लगे हैं श्मशान में। हे ईश्वर! मानव जीवन कितना कष्टमय है? जीवन तो जीवन मृत्यु पर … Continue reading मुर्दे की अभिलाषा | Kavita Murde ki Abhilasha