न करे कोई ( Na Kare Koi ) अम्ल ऐसा हो कि रुसवा न करे कोई! सरे – राह पत्थर रक्खा न करे कोई! कहां लेके ये जाएगी नाकामियां अपनी मुल्क में इमां का सौदा न करे कोई! मसल फूलों को डाला आवेश में उसने संगदिल को चुभा कांटा न करे कोई! दर्द इसलिए … Continue reading न करे कोई | Na Kare Koi
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