न रुकी जंग तो | Na Ruki Jang to
न रुकी जंग तो…! ( Na ruki jang to ) ( नज़्म ) बुराई बढ़ेगी, तो अच्छाई भी बढ़ेगी, ये दुनिया आज है,तो कल भी रहेगी। सदियों से एक साथ रहते हम आए, मोहब्बत की तासीर न फीकी पड़ेगी। अम्न का रास्ता बनाओ दुनियावालों, जड़ से जुड़ी कायनात,जुड़ी ये रहेगी। ऐसे तो मुक्कमल कोई … Continue reading न रुकी जंग तो | Na Ruki Jang to
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