Hindi Kavita -नार परायी

नार परायी ( Naar Parai )     मिले हम मिले नही पर, मन से साथ रहेगे हम। नदी के दो किनारे से पर, मन से साथ रहेगे हम। मिलन ना अपना है ये,भाग्य विधाता ने लिखा है, मगर हुंकार सुनो इस दिल से,मन मे साथ रहेगे हम।   कर्म तुम अपना आप करो हम,अपना … Continue reading Hindi Kavita -नार परायी