नाग पंचमी विशेष | Nag Panchami Par Kavita
नाग पंचमी विशेष ( Nag Panchami Par Kavita ) इक प्याले मे दूध लिए, पत्नी आई मुस्कराई। तुमको मेरे प्राण नाथ, नाग पंचमी की बधाई। पी लो हे प्रिय नटराजा के, विष तो तुमरी वाणी है। एक वर्ष में एक बार ही, विष में धार लगानी है। क्यों मै ढूंढू अन्य नाग … Continue reading नाग पंचमी विशेष | Nag Panchami Par Kavita
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