नयनों से बरसे अंगारे | Naino se Barse Angare

नयनों से बरसे अंगारे ( Naino se barse angare )  नयनों से बरसे अंगारे फिर नेह कहां बरसाएंगे। जो शीश काटने वाले हैं आशीष कहां दे पाएंगे। खड्डे खोदे मुंह के आगे रस्ता कैसे बतलाएंगे। नोच नोचकर खाने वाले वो दर्द कहां मिटाएंगे। जिनकी नियत में खोट भरा प्यार कहां से लाएंगे। वाणी के तीर … Continue reading नयनों से बरसे अंगारे | Naino se Barse Angare