नौशाबा की कविताएँ | Naushaba Poetry
सहारा लड़ा नही जाता अब हालातो से अब टूटते हुए सपनो के टुकड़ों को संभाला नही जाता मां की ममता का स्नेह अब बताया नही जाता अब बस दुआ वों का सहारा है मन्नतो का आसरा है वक्त के साये तले हर शक्स का बेनकाब चेहरा है अपनी तन्हाई में अब हम टूटते हुए मोती … Continue reading नौशाबा की कविताएँ | Naushaba Poetry
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