नया मोड़ ( Naya Mod ) आंखों में बसी है नमी खुदा क्यों हो रही हु मैं खुदसे जुदा चाहती हूं कोई दिल से लगाए हो रही हूं खुद मे ही जैसे गुमसुदा अजीब सा डर है दिल में समाया हुआ बोझ जिम्मेदारियों का भी आया हुआ रोने लगी हैं आंखें अब बहुत बस … Continue reading नया मोड़ | Naya Mod
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