नज़र चुरा के सभी आज कल निकलते हैं | Nazar Chura ke
नज़र चुरा के सभी आज कल निकलते हैं ( Nazar chura ke sabhi aaj kal nikalte hain ) नज़र चुरा के सभी आज कल निकलते हैं न जाने किसलिए इक दूसरे से जलते हैं ऐ काश वक़्त पे हर काम कर लिया होता ये सोच सोच के हाथों को अपने मलते हैं जो सारे … Continue reading नज़र चुरा के सभी आज कल निकलते हैं | Nazar Chura ke
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