नज़रों से मेरे | Nazaron se Mere
नज़रों से मेरे ( Nazaron se Mere ) नज़रों से मेरे अपनी नज़र जब मिला गयाइस दिल में गुल मुहब्बतों के वो खिला गया रुसवा हैं देते हमको न पैग़ाम वो कोईमिलने मिलाने का भी तो अब सिलसिला गया शरमा रही थी चांदनी भी आज चाँद सेउसको शराब आँखों से कोई पिला गया वो मूल … Continue reading नज़रों से मेरे | Nazaron se Mere
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