निर्मल जैन ‘नीर’ के हाइकु | Nirmal Jain ke Haiku
शिवशंकर हे!उमापति~भोले शिवशंकरकैलाशपति••हे!त्रिपुरारी~कण-कण में व्याप्तत्रिशूलधारी••हे ! महादेव~तीनों लोक में पूज्यदेवो के देव••हे!आशुतोष~तेरी भक्ति में रहूँमैं मदहोश••हे!नटराज~तेरी कृपा से होवेंपूरण काज•• हिंदी पत्रकारिता दिवस यश फैलाया~हिंदी पत्रकारितादिवस आया•चौथा स्तम्भ~पत्रकारिता करेआज स्तब्ध•बदला दौर~ये पत्रकारिता कीकैसी है भोर•सच बोलती~देखो पत्रकारिताराज खोलती•नही रूकती~पत्रकारिता कभीनही झुकती• गुरू नानक देव अपार हर्ष~जन्में गुरू नानकप्रकाश पर्व•प्रथम गुरू~किया खालसा पंथउन्होनें शुरू•गुरू नानक~मूर्ति पूजा … Continue reading निर्मल जैन ‘नीर’ के हाइकु | Nirmal Jain ke Haiku
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