निवातिया की शायरी | Nivatiya ki Shayari
सफर में अकेले चले हम मुसाफ़िर सफर में,मिलेंगे कई यार शातिर सफर में ! डरेंगे न कतई किसी हाल में हम,भले हो अकेले मुसाफ़िर सफर में ! भरोसे के क़ाबिल न होते सभी जन,हक़ीक़त न करना ज़ाहिर सफर में ! जरूरी है रखनी छुपाकर शिनाख्त,मरातिब बचाने की खातिर सफ़र में । तुम क्या जानो किस … Continue reading निवातिया की शायरी | Nivatiya ki Shayari
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