ओढ़ करके धानी चुनरिया | Odh karke

ओढ़ करके धानी चुनरिया ( Odh karke dhaani chunariya )  लय-बद्ध– जरा सामने तो आओ छलिए   ओढ़ करके ये धानी चुनरिया, धरती ने किया श्रृंगार है। रवि किरणों से रोशन के कण-कण, कैसा सुंदर सजा संसार है।। उमड़ घुमड़ कर बदरा छाए, अमृत रस बरसाते हैं। प्यासी धरती निर्मल जल से, खेत खड़े लहराते … Continue reading ओढ़ करके धानी चुनरिया | Odh karke