पाती प्रेम की ( Paati prem ki ) हर मुमकिन कोशिश के बाद जब पा ना सकी मैं तुम्हारा पाक प्रेम वफा के संग फरेब से परे तब बैठ एक बगिया में उदास गम की चादर बिछाए सुरज की ढलती लालिमा ओढ़े गुलमोहर की छांव तले और गहराती रात में चाँदनी के सफेद पन्नों … Continue reading पाती प्रेम की | Paati Prem ki
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