पग बढ़ाते चलो

पग बढ़ाते चलो ***** कंकड़ी संकरी पथरीली, या हों रास्ते मखमली। हृदय में सदैव जली हो अग्नि, स्वार्थ हमें सब होगी तजनी। सेवाभाव की मंशा बड़ी, रास्ते में मुश्किलें भी होंगी खड़ी। पर जब करने की मंशा हो भली, बाधाएं दूर हो जातीं बड़ी से बड़ी। खुदा के वास्ते न देखो पीछे मुड़कर, बस तू … Continue reading पग बढ़ाते चलो