Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -पहेली

पहेली ( Paheli)   जय विजय के बीच मे लो, मै पराजित हो गया। सामने मंजिल थी मेरी , पर मै थक के सो गया।   अपनो पे विश्वास कर मै खुद ही खुद से ठग गया। आँख जब मेरी खुली तब तक, लवारिस हो गया।   छोड करके जा चुके थे जो मेरे अपने … Continue reading Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -पहेली