परेशानी | Pareshani par Kavita

परेशानी ( Pareshani )    दिल थाम लो जरा तुम तिरछी धाराओं को मोड़ दो राह की अड़चन बन जाये उन बेड़ियों को तोड़ दो बाधाओं मुश्किलों ने घेरा परेशानियां बुन रही जाल आंधी तूफां आते जाते चलना जरा कदम संभाल घोर निराशाओं के बादल जब आके सर पे मंडराए धीरज धरना मीत मेरे हिम्मत … Continue reading परेशानी | Pareshani par Kavita