परिणय जीवन का बसंत | Parinay Jeevan

परिणय जीवन का बसंत ( Parinay jeevan ka basant )   दिव्य भव्य श्रृंगार बेला, प्रतिपल नेह अनंत वृष्टि । कांतिमय अंग प्रत्यंग , अति आनंद परिपूर्ण सुदृष्टि । उर तरंग चाहत स्पंदन, वंदन अभिनंदन प्रणय मंत । परिणय जीवन का बसंत ।। मृदुल मधुर अहसास, विमल पुनीत हिय भावना । सरित प्रवाह मंगलता, असीम … Continue reading परिणय जीवन का बसंत | Parinay Jeevan