परवाज उड़ान कल्पनाओं की | Parwaz
परवाज उड़ान कल्पनाओं की ( Parwaz udaan kalpanao ki ) भर परवाज नई उड़ाने नई नई कल्पना आई। भाव भरा सागर उमड़ा नई-नई रचनाएं आई। शब्द सुरीले मन मोहे मंच मुदित वाणी हरसाई। गीत गजल छंद मुक्तक ने पावन सरिता बहाई। कलमकार सुधीजन सारे पाते हैं मान-सम्मान। यशस्वी लेखनी हुई उदित कलमकार … Continue reading परवाज उड़ान कल्पनाओं की | Parwaz
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