Hindi Poetry On Life -पत्रकार की गिरफ्तारी पर अपनों की चुप्पी?
पत्रकार की गिरफ्तारी पर अपनों की चुप्पी? ( Patrakar Ki Giraftari Par Apno Ki Chuppi ) ************ बोल नहीं जुटेंगे उनके बड़ा झोल है मन में उनके संरक्षण में पलने वाले मौका खोजते कब भड़ास निकालें? बारी जब विपक्ष की हो! सत्ता पक्ष आते ही, कैसे छिपा लें? कैसे दबा दें? नमक का कर्ज जल्द … Continue reading Hindi Poetry On Life -पत्रकार की गिरफ्तारी पर अपनों की चुप्पी?
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