मैं पेड़ हूँ | Ped par Kavita

मैं पेड़ हूँ ( Main ped hoon )   मैं हूॅं एक जंगल का पेड़, फैला हूँ दुनिया और देश। निर्धन या कोई हो धनवान, सेवा देता में सबको समान।। जीवन सबका मुझसे चलता, सांस सभी का मुझसे चलता। बदले में किसी से कुछ ना लेता, सारी उम्र सबको देता ही रहता।। पहले मेरा जंगल … Continue reading मैं पेड़ हूँ | Ped par Kavita