उसने पहचाना मुझे | Pehchan Shayari

उसने पहचाना मुझे ( Usne pehchana mujhe )    मिल गया क़िस्मत से शायद ऐसा याराना मुझे शाम ढलते ही पिलाता है जो पैमाना मुझे मुद्दतों से ख़्वाब जिसके देखती आई हूँ मैं तू वही है इतना कह के उसने पहचाना मुझे उसके दिल की बात को पल में समझ लेता हूँ मैं आँखों आँखों … Continue reading उसने पहचाना मुझे | Pehchan Shayari