टूटकर फूल डाली से | Phool par Kavita

टूटकर फूल डाली से ( Toot kar phool daali se )    टूटकर फूल डाली से गिरा जब चमन में बगिया हर्षित हुई थी भाव उमड़े मन में खुशबुओं को यूं समेटे समाए हो तन में चेहरे की हो मुस्कान उमंग सारे बदन में टूटकर फूल ना फूली समाई थी जब दुनिया ये सारी फूल … Continue reading टूटकर फूल डाली से | Phool par Kavita