पिता | Pita chhand

पिता ( Pita ) कृपाण घनाक्षरी   पिता प्रेम का सागर, अनुभवों का खजाना। शिक्षा संस्कार देकर, देते जीवन संवार।   सबका देते साथ वो, हंस हंस बतियाते। दरिया दिल पिता का, करते खूब दुलार।   पिता संबल हमारा, पीपल की ठंडी छांव। झरना वो प्यार भरा, बहती स्नेह बयार।   संघर्षों से भिड़ जाते, … Continue reading पिता | Pita chhand