अमर प्रेम की अमर कहानी | Poem amar prem ki amar kahani

अमर प्रेम की अमर कहानी ( Amar prem ki amar kahani )     एक दीन साधारण सा इंसान पर इरादे थे फौलादी विशाल पर्वत का सीना चीरकर की उसने मुनादी   अथाह प्रेम की पराकाष्ठा का दिया उसने निशानी बिहार की पावन भूमि के लोगों को याद हुई जुबानी   दिन हीन दशरथ मांझी … Continue reading अमर प्रेम की अमर कहानी | Poem amar prem ki amar kahani