बाल गणेश | Poem Bal Ganesh

बाल गणेश ( Bal Ganesh ) बाल गणेश ने थाम रखा है मोदक अपने हाथ में, मूषकराज जी रहते है हर पल उनके साथ में, शांत खड़े कोने में देख रहे ललचाई आँखों से सोच रहे मुझे भी मोदक खाने को मिलेगा बाद में! कवि : सुमित मानधना ‘गौरव’ सूरत ( गुजरात ) यह भी … Continue reading बाल गणेश | Poem Bal Ganesh