बड़े बुजुर्गों का सम्मान जरूरी है | Poem bujurgon ka samman

बड़े बुजुर्गों का सम्मान जरूरी है ( Bade bujurgon ka samman jaruri hai )     बड़े   बुजुर्गों   का   सम्मान     जरूरी   है, दिल  में   पलते   भी  अरमान   ज़रूरी है,   यार अंधेरों  का  साया  है   जिस   घर  में, उस  घर   में  भी   रोशनदान    ज़रूरी  है,   बाप  की  पगड़ी  बच्चों  ने नीलाम किया, एक  पिता   … Continue reading बड़े बुजुर्गों का सम्मान जरूरी है | Poem bujurgon ka samman