चाहत | Poem chaahat

चाहत ( Chaahat )   हम हैं तेरे चाहने वाले, मन के भोले भाले। रखते है बस प्रेम हृदय में, प्रेम ही चाहने वाले।   माँगे ना अधिकार कोई,ना माँगे धन और दौलत। प्रेम के संग सम्मान चाहने, वाले हम मतवाले।   हम राधा के विरह गीत है, हम मीरा के भजनों में। हम शबरी … Continue reading चाहत | Poem chaahat