चक्र सुदर्शन धारी | Poem chakra sudarshan dhari

चक्र सुदर्शन धारी ( Chakra sudarshan dhari )   चक्र सुदर्शन धारी केशव लीला अपरंपार तेरी मंझधार में डूबी नैया आकर करना पार मेरी   मुरली मोहन माधव तेरी मधुर मनोहर शान है सकल चराचर के रखवाले जन करे गुणगान है   संकट मोचन मोहिनी मूरत मुरली अधर सुहानी कृष्ण कन्हैया दीनदयाला भजन करते सुरज्ञानी … Continue reading चक्र सुदर्शन धारी | Poem chakra sudarshan dhari