चेहरे का नूर वो ही थी | Poem chehre ka noor
चेहरे का नूर वो ही थी ( Chehre ka noor wo hi thi ) वो ही प्रेरणा वो ही उमंगे वो मेरा गुरूर थी भावों की अभिव्यक्ति मेरे चेहरे का नूर थी प्रेम की परिभाषा भी मेरे दिल की धड़कन भी खुशियों की प्यारी आहट संगीत की सरगम भी मौजों की लहरों … Continue reading चेहरे का नूर वो ही थी | Poem chehre ka noor
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