देव भूमि की सैर | Poem dev bhoomi ki sair

देव भूमि की सैर ( Dev bhoomi ki sair )   यूं ही नहीं बसती जिंदगानी यहां, यूं ही नहीं समाती बर्फ की आगोश में वादियां। यूं ही नहीं लुभाती सैलानियों को जन्नत की घाटियां। कुदरत भी सफेद चादर सी बिछा देता है उनके आगमन में, कुछ तो बात है मेरे उत्तराखंड में, कुछ तो … Continue reading देव भूमि की सैर | Poem dev bhoomi ki sair